भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि मेड-इन-इंडिया कारें अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहीं। मारुति सुज़ुकी की शानदार SUV “फ्रॉन्क्स” ने कम समय में वह कारनामा कर दिखाया है, जो बड़ी-बड़ी ग्लोबल कंपनियां भी नहीं कर पाईं।
लॉन्च के सिर्फ दो साल के भीतर फ्रॉन्क्स ने एक लाख यूनिट का एक्सपोर्ट रिकॉर्ड पार कर लिया है और वह भी सीधे 80 से ज्यादा देशों में। खास बात ये है कि इस कार को लेकर सबसे ज्यादा दीवानगी जापान में देखने को मिल रही है, जहां लोग इसे हाथों-हाथ खरीद रहे हैं।
सिर्फ 2 साल में एक्सपोर्ट का शतक!
मारुति सुज़ुकी की फ्रॉन्क्स को भारत में अप्रैल 2023 में लॉन्च किया गया था और उसी साल से इसका एक्सपोर्ट शुरू हो गया था। अब दो साल के अंदर ही यह कार 1 लाख यूनिट्स एक्सपोर्ट होने वाली भारत की सबसे तेज़ क्रॉसओवर SUV बन गई है।
यह कार सिर्फ गुजरात के एक प्लांट में बनाई जाती है और वहां से पूरी दुनिया में भेजी जाती है। इसकी सबसे बड़ी खूबी इसका स्मार्ट डिजाइन, मजबूत बिल्ड क्वालिटी और दमदार इंजन ऑप्शन है।
2024-25 में बनी एक्सपोर्ट की क्वीन
मारुति सुज़ुकी की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी ने 69,000 से ज्यादा फ्रॉन्क्स विदेशों में एक्सपोर्ट की, जिससे यह साल की सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट होने वाली पैसेंजर कार बन गई।
इतना ही नहीं, 2025-26 की पहली तिमाही में ही कंपनी ने कुल 96,000 कारें विदेश भेजीं, जो भारत के कुल पैसेंजर कार एक्सपोर्ट का 47% हिस्सा बनता है।
कहां-कहां बिक रही है फ्रॉन्क्स?
फ्रॉन्क्स को आज दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में भेजा जा रहा है, जिनमें खासतौर पर जापान, साउथ अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और सऊदी अरब शामिल हैं। जापान में इसकी मांग सबसे ज्यादा है, जिससे एक्सपोर्ट ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है।
मारुति फिलहाल 17 अलग-अलग मॉडल्स को करीब 100 देशों में एक्सपोर्ट करती है, लेकिन फ्रॉन्क्स ने सभी को पीछे छोड़ते हुए सबसे तेज़ ग्रोथ दर्ज की है।
फ्रॉन्क्स की खासियतें
फ्रॉन्क्स को खास बनाता है इसका इंजन और स्टाइल। इसमें तीन पावरट्रेन ऑप्शन मिलते हैं:
- 1.0L टर्बो पेट्रोल इंजन – 99 bhp पावर और 147 Nm टॉर्क
- 1.2L पेट्रोल इंजन – 89 bhp पावर और 113 Nm टॉर्क
- CNG वर्जन – 1.2L इंजन पर आधारित
ट्रांसमिशन के लिए इसमें 5-स्पीड मैनुअल, 5-स्पीड AMT और 6-स्पीड ऑटोमैटिक (पैडल शिफ्टर के साथ) गियरबॉक्स का विकल्प मिलता है।
भारत में इसकी कीमत ₹7.54 लाख से ₹13.06 लाख (एक्स-शोरूम) के बीच है।
फ्रॉन्क्स के साथ बढ़ी अन्य मॉडल्स की डिमांड भी
फ्रॉन्क्स के अलावा जिम्नी, स्विफ्ट, डिज़ायर और बैलेनो जैसे मॉडल्स की भी एक्सपोर्ट में डिमांड तेजी से बढ़ी है। मारुति ने वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 3.3 लाख यूनिट्स विदेशों में भेजीं, जो पिछले साल के मुकाबले 17.5% ज्यादा है।
निष्कर्ष
मारुति फ्रॉन्क्स न सिर्फ भारत में बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी एक बड़ी हिट साबित हो रही है। जापान जैसे देशों में इसकी बढ़ती डिमांड ये साबित करती है कि भारतीय तकनीक और डिज़ाइन अब वर्ल्ड-क्लास बन चुकी है। अगर आपने अभी तक इस मेड-इन-इंडिया कार की सवारी नहीं की, तो शायद आप पीछे छूट रहे हैं!
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